Nojoto: Largest Storytelling Platform

सोचता हूँ कभी कभी की जिंदगी कितनी अजीब है सब कुछ प

सोचता हूँ कभी कभी की जिंदगी
कितनी अजीब है
सब कुछ पास होकर भी इंसा गरीब है, 

कमाता उम्र भर जमाने भर की दौलत को, 
और,एक पल में छोड़ चला जाता कमाई
 शोहरत को, 

सोचता हूँ कभी कभी... 

कभी मिलता ही नही समय की रब को भी
याद कर ले
बस ख्वाहिश, की बेइंतहा दौलत से खाली
जेब भर ले, 

इंसा की इसी फितरत को देखकर मन में 
ख्याल आता है
की  इंसा को कभी, क्या खुद के  मरने का, 
ख्याल भी आता है, 

सोचता हूँ कभी कभी....

सत्य है की खाली हाथ आना है, और खाली जाना
फिर क्यों हद से ज्यादा दौलत कमाना

ये जो मिले है चार पल जिंदगी के इन्हें हंस
खेल गुजार दो, लौट के फिर न आयेंगे ये पल चाहे 
 उम्र भर की कमाई दौलत इस पर वार दो

सोचता हूँ कभी कभी....

©पथिक..
  #cloud of lyf

#cloud of lyf #कविता

540 Views