'अबुल', 'अशफ़ाक़', 'गफ्फार' को भूले ज़माना हो गया, "वंदे मातरम" ही देशभक्ति का पैमाना हो गया. सरहद से बहती फिज़ा को टटोला तो जाना, असली देशभक्त देखे तो जी ज़माना हो गया. भ्रष्टाचार, कुरीतियां, विकास सब गड्ढे में जाएं, "देशभक्तों" का काम रंजिशें फैलाना हो गया. केसरिया हर मस्कन की दीवार रंगने की जंग, मज़हबी इस शमा का जलना रोज़ाना हो गया. भाई-भाईजान में तल्ख़ियाँ जो पनपी, देश प्रेम जैसे नफरतों का शामियाना हो गया. Inspired from the recent controversy of making Vande Mataram compulsory. #YQbaba #Dimri #yopowrimo #YQdidi #patriotism #yqbhaijan #केसर