White कहानी नहीं, नहीं है कविता यह रूपकथा की राजबाला की गजदंत के मधु पलंग की सेज पर जो भोगती है बिरह की ज्वाला। मरुस्थल के अधरों पर जो खिलाती है मुस्कान बहाकर ख़ून पसीना अपना माटी को लाती है जो हरे वेश में यह कविता है उसके जीवन की। ©Karan Koram #good_night alone shayari girl shayari love shayari on life #Registan