अपेक्षाओं का नृत्य है इच्छाओं का असर है, तकदीर की झंकार पर ज़िन्दगी का गीत है, किसको है खबर यहाँ उसका क्या अंतिम लक्ष्य है, बस चल रहे हैं बेखबर अनजान पथ है, जिनके भाव शून्य है वो महज एक शरीर है, जो भावनाओं से ओत प्रोत सत्य अर्थ में वही सजीव है,कल की तलाश में आज भी बेहाल है ज़िन्दगी मिलेगी किसी दिन मेरे गले तो पुछूगा, बोल ज़िन्दगी ये क्या तमाशा है आशा के कोनों पर भी निराशा है, स्वयं को पूर्ण रूप से जानना अभी अशेष है, दूसरों की आलोचना में ही कुछ जन श्रेष्ठ है, अपनी ही अपूर्ण अभिलाषा से कुंठित हताश है, सोचकर देखो इतिहास बदल सकता है , सब में है कुछ खास सब में कुछ श्रेष्ठ है। Rahul Apne ज़िन्दगी ये क्या तमाशा है? #क्यातमाशाहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi