हो दूर तुम मग़र नहीं शिकायतें मुझे जो पास हैं तो वो भी कितना पास हैं मेरे हैं क़ुर्बतें भी लाज़िमी हों चाहतें जहां ये दूरी क़ुर्बतों में रंग प्यार का भरे दो छोर पास आएं तो ढीली पड़े कशिश तभी तो एहतराम प्यार दूरी का करे हो तुम जहां वहीं रहो तो भी नहीं गिला है कोई तो जो दूर से भी पास है मेरे -अंजलि राज #YQdidi #अंजलिउवाच #दूरहोमगर #शिकायत #क़ुर्बतें #दूरी