ऐ मेरे रात के रौशन मुसाफिर,,, तुम सूरज जैसे कहां हो,,, वो ख़ुद जल कर रौशन जहां कर दे,, और तुम अंधेरा देख मुंह छिपाते हो,,, #रात #चांदनी_रात #रातकेमुसाफ़िर