किसी राष्ट्र की सांस्कृति तब तक गूंगी रहती है। जब तक की उस राष्ट की अपनी बोली नहीं होती है।। कटी राजनैतिक बेडियां अवश्य हमारे पैरों की। फिर भी हम आश्रित रहते हैं भाषा पर किसी औरौ की।। हिन्दुस्तानी है इस नाते हिन्दी का सम्मान करे। तमिल तेलुगु उर्दू उडिया सिन्धी का गुणगान करे। लेकिन हिन्द मे हिन्दी बिन सब कुछ सूनी रहती है।। किसी राष्ट्र की सांस्कृति तब तक गूंगी रहती है। जब तक की उस राष्ट की अपनी बोली नहीं होती है..आधूरा Skp@basti किसी राष्ट्र की सांस्कृति तब तक गूंगी रहती है। जब तक की उस राष्ट की अपनी बोली नहीं होती है।। कटी राजनैतिक बेडियां अवश्य हमारे पैरों की। फिर भी हम आश्रित रहते हैं भाषा पर किसी औरौ की।। हिन्दुस्तानी है इस नाते हिन्दी का सम्मान करे। तमिल तेलुगु उर्दू