जब नींद आंखी म नई आये दसना करवट बदलत रहिथे, दे दे नींद मोला हिस्सा के मोर अभी सपना आंखी म आये के बांचे हे, अधूरा निकलिस सपना सब नींद कच्चा रिहिस मोर आंखी के, खो बइठे सुकून नींद अपन मत राखव सपना अतका आंखी म, रिसाये-रिसाये बईठे हे कब ले नींद फ़िर भी आंखी सपना देख लेथे, मिल कभी आके मोर ले सपना म आंखी ल मोर नींद आथे, सपना देखे रिहिस मोर आंखी ह तैं मोला नींद ले उठा डारे, हक़ीक़त ले पहिचान नई हे नींद के समावत नई हे सपना आंखी म, निचोड़ के नींद ल देख डारिस जैनेश कुमार, सपना के हक़ीक़त कुछु निकबे नई करिस ।। #chhattisgarh #chhattisgarhi #jainesh_kumar #love #dreams #inspiration #emotions #freshthoughts