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सोचता हूं मैं अक्सर क्या जिंदगी यही है। सब कुछ तो

सोचता हूं मैं अक्सर क्या जिंदगी यही है। सब कुछ तो है पास पर कुछ भी नहीं है
कहने को तो सारी दुनिया ही अपनी है। पर इस दुनिया में कोई भी अपना नहीं है
रिश्ते रह गए हैं बस नाम के दुनिया में अपना पन अब कहीं बचा ही नहीं है
जीवन में उलझन ही उलझन हैं। क्या इनका कोई हल ही नहीं है
यहां झूठ फरेब का जोर है हर सु क्या इंसान कुछ समझता नहीं है..

©Seema #Likho #Pobitra_Chakraborty
सोचता हूं मैं अक्सर क्या जिंदगी यही है। सब कुछ तो है पास पर कुछ भी नहीं है
कहने को तो सारी दुनिया ही अपनी है। पर इस दुनिया में कोई भी अपना नहीं है
रिश्ते रह गए हैं बस नाम के दुनिया में अपना पन अब कहीं बचा ही नहीं है
जीवन में उलझन ही उलझन हैं। क्या इनका कोई हल ही नहीं है
यहां झूठ फरेब का जोर है हर सु क्या इंसान कुछ समझता नहीं है..

©Seema #Likho #Pobitra_Chakraborty
seema7214111558339

Seema

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