"भूगोल देश का बदल दिया" 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 इतिहास पढ़ा कर गलत हमें,भारत का गौरव कुचल दिया, सत्ता लोलुपता में आकर,भूगोल देश का बदल दिया। आर्यान और गांधार राज्य,पश्चिम के सीमा के प्रहरी थे, ब्रम्हा और श्याम राज्य दोनों,पूरब की विस्तृत देहरी थे। नगराज हिमालय उत्तर में,और त्रिविष्टप होता था, रत्नाकर उदधि हिन्द दक्षिण,भारत के पद तल धोता था। आर्यान गया,गान्धार कटा,सिंधु का हिन्दू मसल दिया, सत्ता लोलुपता में आकर, भूगोल देश का बदल दिया। पश्चिम में पाकिस्तान कटा,पूरब में बांग्लादेश बना, है काश्मीर घायल कबसे,तिब्बत का मसला हुआ घना। यह वर्तमान की भूल नहीं,पिछली सरकार निक्कमी थी, बाहर से आई संस्कृतियां,उनकी सब बच्ची अम्मी थी। था बाप बनाया मुगलों को,हिन्दू पौरुष को मसल दिया, सत्ता लोलुपता में आकर भूगोल देश का बदल दिया। अकबर महान क्यों कहलाया,शाषक अशोक क्यों भुला दिया, मंदिर भंजक न्यायी कैसे,क्यों वीर शिवा को सुला दिया। स्तंभ कुतुबशाही कैसे,क्यों शाहजहां का लाल किला, झूठा इतिहास पढ़ाया क्यों, जब इंद्रप्रस्थ था वहाँ मिला। भारत के वीर सपूतों का,उत्साह कुचल कर मसल दिया, सत्ता लोलुपता में आकर भूगोल देश का बदल दिया। पुरू का पौरुष क्यों झुठलाया, आक्रांता को ज्यादा आंका, पृथ्वी का बाण शब्द भेदी, कैसा पराक्रमी था बांका। मुग़लों ने भारत धरती को, लूटा और हम पर ज़ुल्म किया। इसके अतीत को अदल बदल, हमको झूठा इतिहास दिया। हो सावधान हिंदु जागा,है वर्तमान ने अक्ल दिया, सत्ता लोलुपता में आकर,भूगोल देश का बदल दिया। कवि//मुरली धर "मनहर" प्रतापगढ़ी// ©Richa Dhar भूगोल देश का बदल दिया🇮🇳 #Independence