कहित हियाऊ कतनो न एहिजा से जाइत हाउ, देखित हे मईया हमर रोटिया खाइत हाउ, अबके न खालको हे, तीन गो निगलको हे, आउ सागो लागी रोइत हाउ, छूछे हमर खाएल एकरा न सहाईत हाउ, देखित हे मइया हमर रोटिया खाइत हाउ, बड हाउ तो का एकर तीन खून माफ़ हे, बैठाल बैठाल खाइतउ कहा के इंसाफ हे, देख फुस्लाव हाउ मटकी छलावा हाउ बड़ जान के छोड़ दे ही तो हमरा रोवाव हाउ, आ के बचाव हमर गर्दन दबावैत हाउ, देखित हे मइया हमर रोटिया खाइत हाउ। देखित हे मइया,, मगही कबिता।