यूँ किनारों से समंदर देख रहे हैं वो, कहो उनसे मेरी गहराई देखें, ना जाने कितनी दरियाये खा गया हूँ, वो समझते हैं खारा पानी ही तो है, अभी जानते नहीं कितनों को बहा गया हूँ। #jatinkaushik_quotes #jatinkaushik #jatinpen #jatinmahendergarh #love #poet #sad #pain