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न जाना दूर तुम जाना हैं मजबूरियाँ माना धड़कनों की ब

न जाना दूर तुम जाना
हैं मजबूरियाँ माना
धड़कनों की बसी बस्ती
यों तुम करना ना वीराना
सजी पलकों पे ये रातें
चाँद!देखो न खो जाना
ये आँगन तुमसे बाबस्ता
मुँडेर पे चले आना...
न चाहत तुमको छूने की
न चाहें हम तुम्हें पाना
अँधेरों की निगहबानी
राब्ता है ये रूहानी
अपनी इन निगाहों से
रूह तक तुम उतर आना
बुझ रही रूह की बाती
लौट आना...चले आना


 #moonwalk
न जाना दूर तुम जाना
हैं मजबूरियाँ माना
धड़कनों की बसी बस्ती
यों तुम करना ना वीराना
सजी पलकों पे ये रातें
चाँद!देखो न खो जाना
ये आँगन तुमसे बाबस्ता
मुँडेर पे चले आना...
न चाहत तुमको छूने की
न चाहें हम तुम्हें पाना
अँधेरों की निगहबानी
राब्ता है ये रूहानी
अपनी इन निगाहों से
रूह तक तुम उतर आना
बुझ रही रूह की बाती
लौट आना...चले आना


 #moonwalk