थक गई हूं मैं थोड़ा क्या आराम कर लू जो दिल किया था तेरे नाम मैंने क्या उस दिल का कुछ हिस्सा मैं अपने नाम कर लू वो हर सुबह जो तेरा ख्याल रखने मे है गुजरी क्या उस सुभा का थोड़ा सा हिस्सा मैं अपने नाम कर लू वो राते जो अक्सर तेरे बारे मे सोच गुजरी अब उन्हे क्या मैं अपने नाम कर लू देदो इजाजत अगर तुम मुझे भी तो क्या कुछ पल अपनी जिंदगी के मैं अपने नाम कर लू क्या मैं खुद का भी थोड़ा सा ख्याल रख लू मैं ममता की मूरत मैं ग्रहणी की सूरत नही हूं मैं खुदगर्ज मगर थक गई हूं अगर बुरा न मानो तो इंसान बनकर क्या मैं थोड़ा आराम कर लूं ©kanishka #Rose #Rose