थोड़ा सा ही बचा है,फिर भी सता रहा है। हाथ में थामे खंजर,वो दिसम्बर जा रहा है।। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #धोखेबाज_दोस्त #धोखेबाज_साल