कुछ मेरे एहसासों का कलमा अपने सूर्ख़ होठों से पढ़ दो, ऐ मेरे लख़्त-ए-जिगर सुनो जरा मुझे अपनी बाँहों में भर लो, कहीं खो न जाऊं मोहब्बत़ में हौले से अपनी आँखों में कैद कर लो, परवान चढ़ चुकी है मेरी तमन्नाएँ अब बस मुझे अपना हमसाया सा कर लो ।। #Lakht_e_Jigar #अपना_कर_लो #एहसासों_का_कलमा #YQdidi #YQbaba