White खिल-खिल खिल-खिल हो रही श्रीयमुना के कूल अलि अवगुंठन खिल गए कली बन गई फूल हास्य की अद्भुत माया रंजोगम हो ध्वस्त मस्त हो जाती काया संगृहीत कवि मीत मंच पर जब-जब गांएँ हाथ मिलाने स्वयं दूरदर्शन जी आएं... -काका हाथरसी ©VED PRAKASH 73 #उस्तरा