कुछ खत आज भी तुम्हारे संभाल के रखे है उसमे लिखे अल्फाज़ो की अब तो वैसे कोई कीमत रही नही पर तेरे हाथो की खुशबू उसमे अब तक जिंदा हैं ! माफ करना तेरे खतो को पहले की तरह सुन नही पाऊंगा, कुछ कुछ तेरी आवाज को भूलता जा रहा हू मे या शायद अब याद नही करना चाहता ! इस दीवाली दराजों की सफाई में कुछ भूली बिसरी यादे जो कबसे कैद करके रखी थी खतो के रूप में, आज जैसे पैरोल पे छुटी हो पर शायद अब यह हमारी आखिरी मुलाक़ात हो, जो थोड़ी बची हो तुम मेरे में कही उसको भी इस दीवाली सफा कर रहा हु ! में तेरे खत जला रहा हु, मैं तेरे खत जला रहा हु ! #poem #poetry #storyteller #love #sayings