❤राम कथा मंडली ❤ हम दोनो मिले पंडाल में वो सीध मेरे, मैं ठीक उसके सामने मुझे पता था वो राम मेरे वो बेखबर सीता से अपने फिर रहा होगा मारा-मारा मन में अपने है सीता किधर बतालाए कोई जटाऊ की तरह इधर गुम हो तुम पहचान से अभी मेरे पर मुझे पता है कलयुग में तुम राम मेरे। ❤❤जय जय सियाराम ❤❤ ©Radhe Radhe राम व्याखान