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निर्वात वास में मन हुआ दीप, सदभाव की दीपशिखा लिए,

निर्वात वास में मन हुआ दीप,
सदभाव की दीपशिखा लिए,
 सुप्रभात 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
निर्वात वास में मन हुआ दीप,
सदभाव की दीपशिखा लिए,
विचार गतिहीन,मन स्वाधीन,
 श्रद्धा के  दीप जल उठे🪔🪔🪔🪔
अंतर्मन पवित्र मंदिर हुआ,
भोर के नेत्र खुल रहे...
पंछी मधुर प्रभाती गाते,
निर्वात वास में मन हुआ दीप,
सदभाव की दीपशिखा लिए,
 सुप्रभात 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
निर्वात वास में मन हुआ दीप,
सदभाव की दीपशिखा लिए,
विचार गतिहीन,मन स्वाधीन,
 श्रद्धा के  दीप जल उठे🪔🪔🪔🪔
अंतर्मन पवित्र मंदिर हुआ,
भोर के नेत्र खुल रहे...
पंछी मधुर प्रभाती गाते,