बचपन और गर्मी की छुट्टियाँ देखो 👀तो। एक तस्वीर है पर सोचो तो यादों को किसी ने रेखा रंगो का रूप दिया है वो बड़ा सा आगन। जहां धूप में खेलने पर भी गर्मी नहीं लगती थी। और वो बड़ा नीम का पेड़ जिस पर झूला डाला होता था ।उस पर लड़ाई करके बैठना।दिन में लड़ना और रात तक सब भूल जाना। फिर रात को फिर कहानी सुनना ।रातो को जागकर वो तारो का इंतजार करना। टूटे तारो को देख कर दुआ मंगना ।और फिर सुबह के इंतजार में सो जाना। सुबह वो चिड़ियों की आवाज।वो ठंडी ताज़ा हवा।वो बचनप कही खो गया है ।वो कच्चे मकान पक्के जो हो गए है।वो पक्के रिश्ते कमजोर हो गए।वो बचपन कही खोगाया है।वो कच्चे मकान पक्के हो गए हैं। सायरा😘 #bachpan