सड़क पर बैठा लावारिस ,तरसे परिवार को आज ऐश जो करे महलों में,न रखता किसी का लिहाज । भूखे को नही मिलती रोटी,उठाता तकलीफो के बोझ अमीरी के धौंस जमा ने वाला,करता महलों में मौज । बेसहारा को न मिले सहारा,है जीवन की यही रीत अमीर कमाए खूब पैसा,गाता तकलीफो के गीत। ईमानदारी के बीज जो बोएँ, करे पछतावा आज बईमानी की फसल जो काँटे,करे जीवन मे राज। writer :- Mohit karanjawala fact of life. #poetrymohit #poetry #poetrylover