World Poetry Day 21 March जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक़्क़ाम कर देंगे कमीशन दो तो हिन्दोस्तान को नीलाम कर देंगे ये बन्दे-मातरम का गीत गाते हैं सुबह उठकर मगर बाज़ार में चीज़ों का दुगुना दाम कर देंगे सदन में घूस देकर बच गई कुर्सी तो देखोगे वो अगली योजना में घूसखोरी आम कर देंगे politics poetry