कोई एक शख्स ऐसा है , जो दिन को रात कहता है ! यहाँ अनगिन पड़े ऐसे , उसे शाबाश कहते हैं । कई मेहनतकशों को दिन-रात , सड़क घिसने की आशा हैं, तुम सब यहाँ 'छोटे' , ये 'बड़े बौनों' की भाषा है ! कोई मंजर नहीं ऐसा , कोई मंजिल नहीं ऐसी , जहाँ देखे , जहाँ पहुँचे जो नाजिर , पथिक को चैन से एक रात सोने दे । यहाँ अहले वतन की चाह में एक डर बिठाया है, नहीं सोचो , नहीं बोलो , नयी बंदिश लगाया है । ज़िन्दगी ये क्या तमाशा है? #क्यातमाशाहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #politics #yqhindi #poetry #life