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क्या रिश्ता है शामो से, सूरज कि क्या लगती हो। लोग

क्या रिश्ता है शामो से, सूरज कि क्या लगती हो।
लोग नही डरते रब से,तुम लोगो से क्यु डरती हो।
मै तो जीता हू तुममे,तुम मुझपर क्यो मरती हो।
हम और सुधर जाए, तुम भी हदही करती हो।
शायद मै जन्नत से निकला था ,और तुम मुझसे निकली हो।
किसने (जिंस )  मना की चिकु ,पहनो अच्छी लगती हो।
...कुमार आदित्य...

©Kumar Aditya #Choices
क्या रिश्ता है शामो से, सूरज कि क्या लगती हो।
लोग नही डरते रब से,तुम लोगो से क्यु डरती हो।
मै तो जीता हू तुममे,तुम मुझपर क्यो मरती हो।
हम और सुधर जाए, तुम भी हदही करती हो।
शायद मै जन्नत से निकला था ,और तुम मुझसे निकली हो।
किसने (जिंस )  मना की चिकु ,पहनो अच्छी लगती हो।
...कुमार आदित्य...

©Kumar Aditya #Choices
kumaraditya8863

Kumar Aditya

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