White आखिर ये कैसा नवंबर आया मानों लौट सितंबर आया पिघल के सूरज ज़मी पर आया ज़मी पर आकर, हमें सताया 2024 से पहले कभी भी मैंने सूरज को ऐसा ना पाया आग बरसता है, असमा से मुझको ये बिल्कुल न भाया ये जाने कैसा नवंबर आया इसने तो रह-रह झुलसाया जब जून नहीं है, नवंबर है ये तो गर्म-गर्म क्यों नभ है ये ? गोल-गोल है पंखा घूमे मच्छर भी रह-रह कर चूमे बिजली रहे तो पंखा दौड़े पर फिर भी मच्छर पीछा न छोड़ें डेंगू का वो डंक मार कर उड़ जाते हैं पंख तानकर छुपे हैं टोपी, जर्सी, स्वेटर बक्शे में जाने किधर गयी वो ठंडी ये तो सुबह-शाम दिसंबर लागे, पर दोपहर ये, मई_जून सी पझाड़े गर्मी से बच पाने को जन आखिर यहां-वहां हैं भागें ऐसी लीला कभी न देखी ताऊ कहे कार्तिक माह में तो गर्मी ना छेली पर जाने कैसा नवंबर आया इसने तो जन-जन पिघलाया।। ।।आखिर ये कैसा नवंबर आया मानों लौट सितंबर आया।। ©ANURAG आखिर ये कैसा मौसम आया..... #GoodMorning 2 line love shayari in english Aaj Ka Panchang Sushant Singh Rajput sad shayari english translation attitude shayari