बैठे थे वो खिड़की में, खिड़की में हो रहा दीदार उनका था शायद हमारी प्रेम कहानी में , मुख्य किरदार उनका था। कुछ इस कदर वो अपना किरदार निभाते चले गए, हम तो प्यार में सिर्फ दिल जलाते रह गए। दिल जलाते जलाते न जाने कब उनसे मोहब्बत हो गयी, मोहब्बत हमारी जानकार वो भी हम पर मुस्कुरा गयी। जरा सा मुस्कुरायी क्या वह हमारी मोहब्बत पर, हमने भी चौका मार दिया मौके पर,इजहार कर। मोहब्बत ए इज़हार का असर कुछ इस तरह हुआ, वो ही आज हमारी लंबी उम्र की करती है दुआ --सुधीर कुँवर #सुधीर