मीठे पानी की मै बात कैसे करूं ये ज़हर भी मै पीने के लायक नहीं, अब तलक जो ख़ुशी से बहाता रहा ऐसे ख़ून-पसीने के लायक नहीं, एक पतझड़ का मौसम बनी ज़िन्दगी मै तो सावन महीने के लायक नहीं, बोझ बनता रहा हूं सभी पर यहां ज़िन्दगी मै ये जीने के लायक नहीं। (उमेश सोनी) #alone #boredlife