दस्तूर हैं दुनिया का उड़ता हैं कोई परिन्दा उसके पर काट देना, बढ़ने न देता,मीठी-मीठी बातों में ला कर हौसला गिरा हैं देता, पर तुझें इस दुनिया को भूल अपने हौसलों के साथ आगे हैं बढ़ना, स्वयं का मनोबल बढ़ा, आने वाली चुनोतियाँ से तुझे बाज हैं लड़ाना, धैर्य और अड़िग विश्वास से अपनी ज़िद से अपनी राह खुद बनाना हैं, अर्जुन सा लक्ष्य रख,एकलव्य के विश्वास की भांति मुकाम को पाना हैं। #55Apnirah , 6 line , 11:50Am to 4 pm Topic- जिद करके अपनी राह खुद बनाना है नमस्कार साथियों आप सभी का आज की 6 पंक्तियों में होने वाली टेलीग्राम प्रतियोगिता में स्वागत है (Link in bio) नोट- शामिल होने की शर्तें-