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विगत समय के सब विकार बनकर दु:स्वप्न बिखर जाएं तिमि

विगत समय के सब विकार
बनकर दु:स्वप्न बिखर जाएं
तिमिर दूर हो अमावसों का
पूनम के रंग निखर जाएं .
जाति, धर्म, संप्रदाय वाद
और क्षेत्रवाद की प्राचीरें
हों ध्वस्त आज सब रूढ़िवाद की
कलुषित कुंचित जंजीरें .
महकाएं सबके आंगन में
नेह प्रसूनदुलार भरा
इस बार रचें यह नया गीत
जिसमें हो बस प्यार भरा  । स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं ः ः ः
विगत समय के सब विकार
बनकर दु:स्वप्न बिखर जाएं
तिमिर दूर हो अमावसों का
पूनम के रंग निखर जाएं .
जाति, धर्म, संप्रदाय वाद
और क्षेत्रवाद की प्राचीरें
हों ध्वस्त आज सब रूढ़िवाद की
कलुषित कुंचित जंजीरें .
महकाएं सबके आंगन में
नेह प्रसूनदुलार भरा
इस बार रचें यह नया गीत
जिसमें हो बस प्यार भरा  । स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं ः ः ः