ऐ मुर्शिद #अक्सर वो #मेरे घर के रास्ते #गुजरा करती है# जब नजरों से #नज़रे मिलती है #तो नज़रे #झुका लेती है# ©Md Alfaz #aliabhatt अधूरे अल्फाज