नन्ही नन्ही आँखों से जब देखा था आकाश लाया अपनी किरणों से स्नेह का प्रकाश नन्हे नन्हे कदमों ने जब छुआ था धरती को फिर कांधे पर बैठाया था प्रकृति को..|