सोच के निकले मेरी दुनिया हसीं होगी, यारो बाताऊं कैसे किस क़दर बेज़ार हुआ ا जाँए किस सिम्त हर तरफ़ मौका़ परस्त, सौदा मेरे अरमानो का सितम सौ बार हुआ ا कश्ती मेरी डुबा के जब रवाना हुए मुसाफिर, मौका मिला मुझको को खुद का सालार हुआ ا कमाने की होड़ मैं हम उलझे इस क़दर, क्या ख़बर "अबीर" कब जुम्मा कब इतवार हुआ اا बेज़ार - tired, सालार- captain #hqurdupoetry #hqdidi #hqbaba #hqbhaijan #hqdada #hquote #hqhindishayari #yqbesthindiquotes