गंगा ढोती लाशे है, हम तो हुकूमत के पासे है। हिन्दू दफन है, मुस्लिम के हिस्से न कफन है। जानवर नोंचते लाशों से मांस हैं, ये संस्कृति का ह्रास है। मुर्दों का यह देश है, राजनेताओं के लिए बस केस है। गरीब रोटी को, बीमार दवा को तरसता है गुस्सा आसमान से खुदा का बरसता है। मौत का विकास है, जीने की आखरी आस है राजनीति सबसे बुरा हाल है, देश का बनी ये काल हैं। ©Singleboy9918 #गंगा #हिंदी #झालावाड़ #lockdown2021