ये सांसे भी अब वक्त के हाथो बिक गई कुछ बिखरे हालातों को समेट रहा हूं मैं अब वक्त के आगे हाथ फैलाकर, कुछ लम्हे उधार के मांग रहा हूं मैं - राकेश शिंदें rakeshkavita.blogspot.in वक्त waqt #Shayari #HindiShayari #UrduShayari #HhindiKavita #HindiPoem #NojotoShayari #NojotoKavita #NojotoPune #Rakesh #Waqt