जब तुम मेरे थे तब भी कहाँ मेरे थे रात और दिन में भी कहाँ चाँद-तारे और सवेरे थे आँखों में तब भी तुम्हारी प्रेम के पल कहाँ ठहरे थे कह सकूँ पिछला कुछ मीठा-सा ऐसे लम्हें हमारे कहाँ बीते थे चले तो थे साथ ही हम तब पर पग एक साथ कहाँ बढ़े थे साथ होकर भी तुम तब भी साथ कहाँ मेरे थे 🌹 Copyright protected ©️®️ #mनिर्झरा #bestyqhindiquotes #वियोग_शृंगार_रस #yqhindi #yqdidi #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं