दिल से अब दर्दे दिल कैसे निकाला जाए, गिरने से अब खुद को कैसे संभाला जाए। हर बार बस सितमगर ही जीत जाते है, ये इश्क़ का सिक्का अब कैसे उछाला जाए। ©deepakdilwala इसक का सिक्का