राहें दुनिआ की भीड़ में चलते चलते , सबकी राहें अलग हो गयी । बचपन की जितनी ख्वाइशें थी , वो सब दिल के किसी कोने में सो गयी !! इस अनजानी राह पर चलकर , किसी और का ख्वाब पूरा कर रहें हैं । यकीन मानिये इसी भेड़ चाल में जुड़कर ,हम सब खुद को अधूरा कर रहे हैं !! #Raahe