तुम्हें पाकर ही सच खुद से मिल पाई हूँ, आज मालूम हुआ मैं खुद से ज्यादा तुझमे समाई हूँ। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे । 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें। 2. इस वाक्य को अपने सुंदर शब्दों से पूरा करें।