Nojoto: Largest Storytelling Platform

निर्धनता का सुख! कितनी भली थी वो निर्धनता , जहाँ न

निर्धनता का सुख!
कितनी भली थी वो निर्धनता , जहाँ नहीं थी कोई  कुटिलता।
जबसे ये धन , पास में आया।
इसने सबको , दूर भगाया।
निर्धन थे तब ,कितने ठाट।
मिलजुल कर ,खाते थे भात।
ऐसे धन से ,भी क्या लाभ। 
तितर बितर, सारा परिवार।
जिसने भी इस ,धन को पाया।
उसने मन का चैन गँवाया ।
जगह जगह ताले ठुकवाते,

फिर भी सुख से , ना सो पाते।
निर्धन नमक से ,रोटी खाता।
सुख की नींद , वही ले पाता।
बनवाते शाही मकान ,
खोकर अपना ही ईमान।
इससे तो झोंपड़ी अच्छी,
जिसकी दुनियाँ  होती सच्ची।
मूर्ख छोड़ दे धन का लोभ ,
निर्धनता का भी सुख भोग।
धन के फेर में पड़ जायेगा,
तृप्त कभी ना हो पायेगा।
सारे जीवन भर रो रो कर ,
इसको पाते सब कुछ खोकर। 
निर्धन हो चाहे  सम्राठ,
जाना सबको खाली हाथ।
फिर क्यूँ सब बनते धनवान,
व्यर्थ दिखाते झूठी शान। 
बड़े बड़े साधू सन्यासी,
वो भी बस धन के अभिलाषी।
करते सारे भोग विलास,
निर्धनता को देते त्याग।
निर्धनता का ये गुणगान,
समझ ना पायेगा धनवान।
बन जायेगा गर धनवान,
पा ना पायेगा आराम।
इससे तो निर्धन बन जाऊँ,
सुख के दिन और रात बिताऊँ।
ईश्वर दे बस इतना ही धन,
जिससे कलुषित हो ना ये मन। #निर्धनता का सुख!
निर्धनता का सुख!
कितनी भली थी वो निर्धनता , जहाँ नहीं थी कोई  कुटिलता।
जबसे ये धन , पास में आया।
इसने सबको , दूर भगाया।
निर्धन थे तब ,कितने ठाट।
मिलजुल कर ,खाते थे भात।
ऐसे धन से ,भी क्या लाभ। 
तितर बितर, सारा परिवार।
जिसने भी इस ,धन को पाया।
उसने मन का चैन गँवाया ।
जगह जगह ताले ठुकवाते,

फिर भी सुख से , ना सो पाते।
निर्धन नमक से ,रोटी खाता।
सुख की नींद , वही ले पाता।
बनवाते शाही मकान ,
खोकर अपना ही ईमान।
इससे तो झोंपड़ी अच्छी,
जिसकी दुनियाँ  होती सच्ची।
मूर्ख छोड़ दे धन का लोभ ,
निर्धनता का भी सुख भोग।
धन के फेर में पड़ जायेगा,
तृप्त कभी ना हो पायेगा।
सारे जीवन भर रो रो कर ,
इसको पाते सब कुछ खोकर। 
निर्धन हो चाहे  सम्राठ,
जाना सबको खाली हाथ।
फिर क्यूँ सब बनते धनवान,
व्यर्थ दिखाते झूठी शान। 
बड़े बड़े साधू सन्यासी,
वो भी बस धन के अभिलाषी।
करते सारे भोग विलास,
निर्धनता को देते त्याग।
निर्धनता का ये गुणगान,
समझ ना पायेगा धनवान।
बन जायेगा गर धनवान,
पा ना पायेगा आराम।
इससे तो निर्धन बन जाऊँ,
सुख के दिन और रात बिताऊँ।
ईश्वर दे बस इतना ही धन,
जिससे कलुषित हो ना ये मन। #निर्धनता का सुख!
pragatidutt9695

Pragati Dutt

New Creator