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मैं कोई आफ़ताब नहीं हूँ, पत्थर हूँ, गुलाब नहीं हूँ

मैं कोई आफ़ताब नहीं हूँ,
पत्थर हूँ, गुलाब नहीं हूँ ।
सह लेता हूँ, सर्दी, बरसात, घनी धूप मैं,
तपता हूँ, मगर बदलता नहीं अपना रूप मैं।
मैं खुशबुओं का अहसास नहीं रखता,
शायद तभी वो मुझे अपने पास नहीं रखता ।
पर कोई मुझे तराशे तो मूरत हो जाता हूँ,
सच, मैं गुलाब से भी खूबसूरत हो जाता हूँ ।
नहीं जानता मैं गलत हूँ, या सही हूँ,
ज़माना बदलता है पर, मैं आज भी वही हूँ।।
#NitinDilSe #NKHarit
 मैं आज भी वही हूँ
तुम!.....
#मैंवहीहूँ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
मैं कोई आफ़ताब नहीं हूँ,
पत्थर हूँ, गुलाब नहीं हूँ ।
सह लेता हूँ, सर्दी, बरसात, घनी धूप मैं,
तपता हूँ, मगर बदलता नहीं अपना रूप मैं।
मैं खुशबुओं का अहसास नहीं रखता,
शायद तभी वो मुझे अपने पास नहीं रखता ।
पर कोई मुझे तराशे तो मूरत हो जाता हूँ,
सच, मैं गुलाब से भी खूबसूरत हो जाता हूँ ।
नहीं जानता मैं गलत हूँ, या सही हूँ,
ज़माना बदलता है पर, मैं आज भी वही हूँ।।
#NitinDilSe #NKHarit
 मैं आज भी वही हूँ
तुम!.....
#मैंवहीहूँ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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