*** रात वाली डायरी ***** जब कोई उम्मीद टूटती है तो अक्सर बहुत दर्द होता है,, और दिमाग़ हमेशा दिल से यही सवाल करता रहता है की ,, क्या तुम्हारा कूदना ज़रूरी था..?? काश के तुमने उनकी उन आँखो को ऐसे देखा ही ना होता..,,! काश के उसकी हँसी को तुमने यूँ ही हँसी में टाल दिया होता ..!!! काश के तुम दोनो चाय पर मिलते ही ना..,, काश...!!! तो शायद ये सब ना हुआ होता.. !! अब बेचारा सा ये दिल जो अभी तक सदमे से उबरा भी नहीं था दिमाग़ से बोलता है,, Exactly,, तुम सही बोल रहे हो..,, !! ये सब ना हुआ होता..! जो मैं हर रोज़ शीशे के सामने दो मिनट फ़ालतू लगाता था की सब कुछ सही लग रहा है ना,, वो भी ना होता,, और वो पेंटिंग याद है तुम्हें , जो उसे इम्प्रेस करने के लिए मैंने बनाई थी वो भी कभी नहीं बनती ..,,, और शायद इत्ते दिनो से जो ख़ुश रहने की वज़हा मेरे पास थी , तब शायद वो भी नहीं मिलती,, हाँ मानता हूँ की अब वो वज़हा नहीं है तो दो चार दिन बुरा लगेगा ही लेकिन अगर छोटी सी उम्मीद कर लेने से , अगर इतनी सारी चीज़ें अच्छी हो गयी तो फिर भी सही ही हुआ ना..!!! अब ज़िंदगी है , जैसी पहले चल रही थी वैसी तो अब भी चलती ही रहेगी..!! और वैसे भी मैंने कहीं सुना है की “इस सही और ग़लत की दुनिया के पीछे , जहाँ धरती और आसमाँ मिल कर एक हो जाते हैं, वहीं एक बहुत बड़ा ख़ाली मैदान है..,, जहाँ कोई ग़लत नहीं है , कोई सही नहीं है..,, बस है तो सिर्फ़ और सिर्फ़ इन्सान ...!!! इस ग़लत और सही का हिसाब वहीं करेंगे ना ...!!” और आज पहली बार दिमाग़, दिल से हार गया..!! #दिल_तो_बच्चा_है_जी #थोड़ा_कच्चा_है_जी ~आवारा★ #Dreams