जिंदगी में उत्तेजना या एक्साइटमेंट बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन सुख और दुख के साम्य में हो अति अपेक्षा के प्रभाव से उत्पन्न गति के कारण न हो ! जैसे घड़ी का पेंडुलम होता है एक बार बाएं, कुछ क्षण के लिए साम्य में फिर दाएं जाता। यही पेंडुलम (मन) ही उत्तेजना को अति अपेक्षा की ऊर्जा को बदल कभी सुख में तो कभी दुख में बदल देता है। हमारे मन का दोलन ही समस्याओं के निराकरण नहीं करने देता। ✍️uvsays #CupOfHappiness #Excitement_खुशी #कभी_खुशी_कभी_गम #Pendulum #uvsays #MTV_1090