भरी थी ऊंची उड़ान बेखबर मुश्किल हालातों से तूफानों के सैलाब से बवंडर के जलजले से,, कहीं पर लड़खड़ाए फिसले घबराए टूटे बिखरे कई बार हताश हुए,,, सिखा गई परिस्थितियां हालातों से लड़ना खुद ब खुद संभलना कांटों में चलना,,, ना है किसी के सहारे की दरकार ना चाहिए एहसान ना पहचान अपना है रास्ता अपना है मुकाम अपने फैसले अपनी मंजिलें आ गई अब जीने की सारी तरकीबें,,, पगडंडियों में चलते फिरते लड़खड़ा गए बचते बचाते,, भरी थी ऊंची उड़ान बेखबर मुश्किल हालातों से तूफानों के सैलाब से बवंडर के जलजले से,, कहीं पर लड़खड़ाए फिसले घबराए टूटे बिखरे कई बार हताश हुए,,,