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तकलीफ मे जब खुदको तड़पते देखा. मैंने माँ को खु

तकलीफ मे  जब   खुदको  तड़पते  देखा.
मैंने माँ को खुदा के रूप मे  बदलते  देखा.

भूख और प्यास जब सताने  लगी  मुझको,
आधी  रात  मे  माँ को  रोटी मसलते देखा,
 
चली  आती  लाख  बड़ी  मुसीबतें मुझ पर,
माँ की ही दुआओ से खुदको संभलते देखा, 

चुटकी मे गुम हो गई  थकावट पुरे दिन की,
लौटते  ही घर जब  माँ  को मुस्कुराते देखा, 

देख  लेती  अगर  कोई  घाव लगा मुझ पर,
तब  माँ  की  ममता  को मैने पिघलते देखा,

उनकी दुआओ का असर भी कुछ ऐसा हुआ,
ज़मीं  पर से ही खुद को आसमान छूते देखा.

देखी नहीं मैने किसीके रुतबे की ऐसी शान,
खुदा को भी जन्नत माँ के कदमो मे सौंपते देखा.

©Rais Mirza #maa #Love #gazal #Hindi #urdu #writersofinstagram #writer
तकलीफ मे  जब   खुदको  तड़पते  देखा.
मैंने माँ को खुदा के रूप मे  बदलते  देखा.

भूख और प्यास जब सताने  लगी  मुझको,
आधी  रात  मे  माँ को  रोटी मसलते देखा,
 
चली  आती  लाख  बड़ी  मुसीबतें मुझ पर,
माँ की ही दुआओ से खुदको संभलते देखा, 

चुटकी मे गुम हो गई  थकावट पुरे दिन की,
लौटते  ही घर जब  माँ  को मुस्कुराते देखा, 

देख  लेती  अगर  कोई  घाव लगा मुझ पर,
तब  माँ  की  ममता  को मैने पिघलते देखा,

उनकी दुआओ का असर भी कुछ ऐसा हुआ,
ज़मीं  पर से ही खुद को आसमान छूते देखा.

देखी नहीं मैने किसीके रुतबे की ऐसी शान,
खुदा को भी जन्नत माँ के कदमो मे सौंपते देखा.

©Rais Mirza #maa #Love #gazal #Hindi #urdu #writersofinstagram #writer
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Rais Mirza

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