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सब मुमकिन-सी-कोशिशें कर ली अब, सिर्फ तेरे आगे आकर

सब मुमकिन-सी-कोशिशें कर ली अब,
सिर्फ तेरे आगे आकर मैं रुका हूँ अब।

कोई करामात-ए-करिश्मा ही कर दे,
मेरे बिछड़े यार से मिला दे अब।
वो डगर-ए-मंज़िल को है भूल गया,
तू राह सही उसे दिखा दे अब।

सब मुमकिन-सी-कोशिशें कर ली अब, सिर्फ तेरे आगे आकर मैं रुका हूँ अब। कोई करामात-ए-करिश्मा ही कर दे, मेरे बिछड़े यार से मिला दे अब। वो डगर-ए-मंज़िल को है भूल गया, तू राह सही उसे दिखा दे अब। #Khuda #poem #मौजूद #maula

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