मन्नत के धागे बांधने की कोशिश तो हम भी बहुत करते हैं,मगर बदनसीबी को देख कर अपनी हिम्मत हमारी होती नहीं,वृंदावन धाम जाने की चाहत होती तो बहुत है,मगर कान्हा जी की कृपा दृष्टि हम पर जानें क्यों होती नहीं,सेवा की हमने बहुत लड्डू गोपाल की,मगर जानें क्यों हमारी सोई किस्मत जगती नहीं,बुरा कभी किसी का किया नहीं हमने जानें क्यों अपनों को मनों को हम भाते नहीं, जय श्री राधे कृष्णा ♥️ Challenge-769 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।