हसरतों को चाँद की खूँटी पे टांग आये हैं, इस बार खुदा से कुछ बदल रहे है सभी फितरत अपनी अपनी और एक वो चाँद है जो सदियों से आस्मां का है @sukhveer gill bdl rhe hai sbhi fitrat apni apni