White दसहरा नहीं महज रामकथा हैं यह तो हर व्यक्ति की व्यथा हैं दसियों कुवृतियों में आसक्त इंसान क्या नहीं वह दसानन हैं इन्द्रियों से आकर्षित हर वस्तु में डूबता जिसका मन हैं बुराइयों से हर इंसान का मन मथा हैं दसहरा नहीं महज रामकथा हैं यह तो हर व्यक्ति की व्यथा हैं ©Kamlesh Kandpal #Dussehra