माघ में भी जो बटुरन से साहस का होता है, वो देश की फसलों को पैदा कर धान देता है, जब वो गेंहू बोता है,तो हर धनवान सोता है, जब वो जौ ,बाजरा से हमें रोटी खिलाता है, तो बोटी खाने वाला भी किसान का होता है।। #स्वरचित © #शून्य #किसान_आन्दोलन #किसान #गद्दार #संयम #धीरज #YourQuoteAndMine Collaborating with अविनाश पाल "शून्य"